पुरुष का महिला के गर्भधारण करवाने में असमर्थ होना पुरुष बांझपन / मेल इनफर्टिलिटी कहलाता है। अगर किसी पुरुष के 12 महीने तक यौन संबंध के बाद भी महिला गर्भवती नहीं होती है तो इसका मतलब है कि पुरुष को बांझपन की समस्या है। आजकल हमारी दिनचर्या, स्वास्थ्य , खानपान, आदि की वजह से मेल इनफर्टिलिटी एक आम समस्या बन गई है। पुरुष बांझपन की वजह से कपल में मानसिक तनाव आ सकता है जिसकी वजह से उन्हें अन्य दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है। इस लेख में हम पुरुष बांझपन क्या है, इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में चर्चा करेंगे।
1. पुरुष बांझपन (मेल इनफर्टिलिटी) क्या होता है?
अगर कोई पुरुष किसी महिला का गर्भधारण करवाने में असमर्थ है तो इसे मेल इनफर्टिलिटी कहा जाता है। अगर कोई पुरुष लंबे समय तक निरंतर रूप से किसी महिला के साथ असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाता है और उसके बावजूद वह महिला गर्भवती नहीं हो पाती है तो इसका मतलब है कि वह पुरुष बांझपन की समस्या से ग्रस्त है। पुरुष बांझपन के कई कारण हो सकते हैं और उन कारणों का पता लगाने के लिए एक डॉक्टर की जरूरत पड़ती है। विभिन्न टेस्ट की मदद से एक डॉक्टर उस एक विशेष कारण का पता लगा सकता है। अधिकतर पुरुषों में बांझपन का कारण शुक्राणुओं की कमी एवं खराब क्वालिटी होती है। पुरुष बांझपन के कई प्रकार होते है जैसे की oligospermia वह hyperspermia |
2. पुरुष बांझपन के कारण क्या हैं?
पुरुष बांझपन के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
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हाइपोथैलेमस या पिट्यूटरी विकार –
शुक्राणुओं के बनने से लेकर उनके सही से फंक्शन करने तक हारमोंस का काफी बड़ा रोल होता है। सेक्सुअल एक्टिविटी से जुड़े हारमोंस पिट्यूटरी ग्लैंड, हाइपोथैलेमस और टेस्टिकल्स में बनते हैं। इसके साथ ही दूसरे हार्मोन भी छोटी बड़ी दिक्कतें पैदा करते हैं जिसकी वजह से पुरुषों को एक महिला को गर्भधारण करवाने में दिक्कतें आती हैं।
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गोनैड या जननांग विकार –
जब एक पुरुष के जननांग खास तौर पर टेस्टिकल्स में आती है तब इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की दिक्कत पैदा हो सकती है। सेक्स के दौरान उत्तेजना को देर तक बनाए रख पाने में असमर्थ होता है। यह समस्या मेल इनफर्टिलिटी का कारण तब बन जाती है जब पुरुष टेस्टिकल्स में स्पर्म तो बनते हैं लेकिन यह स्वस्थ नहीं होते हैं।
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स्पर्म से जुड़े विकार –
पुरुष बांझपन का प्रमुख कारण शुक्राणु की खराब क्वालिटी और कम संख्या होती है जब सीमन में स्पर्म की संख्या कम होती है तो महिला को गर्भधारण करने में दिक्कत आती है।
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एज़ूस्पर्मिया और ओलिगोस्पर्मिया –
एज़ूस्पर्मिया में एक पुरुष के सीमन में शुक्राणु की अनुपस्थिति होती है। जब शुक्राणु नहीं होते हैं तब फर्टिलाइजेशन नहीं हो पाता है जिसकी वजह से इस स्थिति को मेल इनफर्टिलिटी कहा जाता है।
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जेनेटिक कारण –
इसमें मुख्य है क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम। यह एक क्रोमोसोमल डिफेक्ट है जिसमें पुरुष दो एक्स क्रोमोसोम एवं एक वाई क्रोमोसोम के साथ पैदा होता है। जिसकी वजह से पुरुष के प्रजनन अंगों का सही तरीके से विकास नहीं हो पाता है।
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3. पुरुष बांझपन के लक्षण क्या हैं?
पुरुष बांझपन के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:
- शारीरिक संबंध बनाते समय इजेकुलेशन में दिक्कत आना या फिर सीमन का बहुत कम मात्रा में निकलना।
- इसके साथ ही सेक्स में कम रुचि होना या इरेक्शन को लंबे समय तक बनाए रखने में दिक्कत आना पुरुष बांझपन के लक्षणों में शामिल है।
- टेस्टिकल एरिया में सूजन दर्द या गांठ होना।
- मेल ब्रेस्ट का असामान्य तरीके से बड़ा होना।
- शरीर या चेहरे पर कम बालों का होना।
- पुरुष के श्वसन तंत्र में निरंतर इन्फेक्शन होना और साथ ही सूंघने की शक्ति का कम होना।
- सीमन में शुक्राणु की संख्या में 1 मिलीलीटर में 15 मिलियन से भी कम की संख्या होना भी मेल इनफर्टिलिटी के लक्षणों में शामिल है।
4. पुरुष बांझपन के कारण का निदान कैसे हो सकता है?
पुमेल इनफर्टिलिटी के बारे में पता लगाने के लिए डॉक्टर जिन तरीकों का इस्तेमाल करते हैं वह इस प्रकार हैं:
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गहन शारीरिक जांच –
डॉक्टर मरीज के टेस्टिकल्स या पेनिस मैं होने वाली किसी भी बीमारी की सही तरीके से जांच करते हैं।
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सीमन विश्लेषण –
सीमन की तरलता, नमी और रंग को जांचा जाता है।
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ट्रांसरेक्टरल अल्ट्रासाउंड –
इस अल्ट्रासाउंड के जरिए प्रजनन अंगों खासतौर पर सीमन ले जाने वाली नसों को जांचा जाता है ताकी किसी भी प्रकार की रुकावट का पता चल सके।
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स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड –
इसकी मदद से ट्रौमा, टेस्टिकुलर टोरशन, ट्यूमर जैसी बीमारियों का पता लगाया जाता है जिनकी वजह से मेल इनफर्टिलिटी होता है।
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टेस्टीक्यूलर बायोप्सी –
इसमें पुरुष के दोनों टेस्टिकल्स में से छोटा टुकड़ा लेकर उसकी माइक्रोस्कोप के जरिए जांच की जाती है।
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5. पुरुष बांझपन के उपचार के क्या विकल्प हैं?
मेल इनफर्टिलिटी का उपचार (male infertility treatment) निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
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वैरिकोसिल उपचार –
इसमें सूजे हुए टेस्टिकल्स को ठीक करने का प्रयास किया जाता है। इसके बाद स्पर्म की संख्या, विकास और उनकी बनावट में फर्क आ जाता है।
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एज़ूस्पर्मिया उपचार –
स्थिति में किसी रुकावट की वजह से सीमन में शुक्राणु की संख्या शून्य हो जाती है। इस समस्या को सर्जिकल ट्रीटमेंट से ठीक किया जा सकता है।
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माक्रोसर्जिकल वासोवइक्सोटोमी –
इसमें वास डिफरेंस के कटे हुए हिस्से को जोड़ने के लिए सर्जरी की जाती है।
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ट्रान्स्यूरेथ्रेल्यल रिसेक्षन –
पुरुष प्रजनन अंगों में अगर सीमन ले जाने वाली ट्यूब में रुकावट आ जाती है तो इसे सर्जिकल प्रक्रिया से दूर किया जाता है। इसके बाद सीमन में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाती है।
- इसके अतिरिक्त, आईसीएसआई, आईयूआई और आईवीएफ जैसी सहायक रिप्रोडक्टेव तकनीक हैं जो गर्भाधान में मदद करती हैं।
Intracytoplasmic sperm injection (ICSI) पुरुष बांझपन के उपचार के सबसे सफल तरीके के रूप में सामने आया है।इस प्रक्रिया महिला के अंडों को शरीर से बाहर निकल कर लैब में हर परिपक्व अंडे के केंद्र में एक शुक्राणु को इंजेक्ट किया जाता है जिससे भ्रूण बन जाता है जिसे बाद में महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
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Takeaway
बच्चों के न पैदा होने का कारण केवल महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुषों की कमियां भी जिम्मेदार होती हैं I हांलाकि आईवीएफ जैसी तकनीक की मदद से अब पुरुषों की भी कमी को दूर किया जा सकता है IOmya, IVF Centre in Delhi मेल इनफर्टिलिटी की एक कुशल और अनुभवी डॉक्टर हैं। वह कई सालों से असंख्य रोगियों की बांझपन संबंधी समस्या का इलाज कर रही हैं। नवीनतम मशीन और अपनी समझ की मदद से वो हर बार एक सकारात्मक परिणाम दे पाने में सक्षम हैं।